Maithili Shayari - ई बहैत दर्द के नै रोकु




ई बहैत दर्द के नै रोकु ,
ई त सज़ा अछि प्रेम के !
लोग एकरा आँशु कहै या दीवानगी ,
मुद्दा, ई त निसानि अछि प्रेम के !!