अंग सँ अंग जखने मिलल तखने एक उमंग चढ़ल मस्त यौवन ख़िलल बदन ताहि'पर दिलकें कलम चलल बेचैन मनकें चैन मिलल धरती संग अकाश मिलल प्यासल छलि एक बुन्दकें भ…
Read moreनई हार नई जीत होएत अछि। प्रेममें सब अजीब होएत अछि।। डेग-डेग पऽ खिचल छैक लक्ष्मण रेखा। मिलऽल आ बिछरल नसीब होएत अछि।। कियो दुर तऽ कियो करीब होएत अछि। प…
Read moreजीनगीमें की छै, दर्द छै पीड़ा छै ! हँसी की, खुशी की, गरीबकें एहने कथा छै !! जीनगीमें की अप्पन, अपनों अखन बेपता छै ! साँचे कहैत छि हम, गरीबके एहने कथा …
Read moreइ बन्धन अनमोल अछि ! जे सौसे जगमें सोर अछि !! भाइ बहिनके प्रीतसे बनल ! इ राखीके डोर अछि !! इ कतेक सुनर बोल अछि ! जे भाइ बहिनके जोग अछि !! भाइ बहिनके प्…
Read moreनितदिन ई बन्द हड़ताल किया ? अइ कोठी धान ओइ कोठी चाउर किया ? सत्ताके पाछु मरल गरीब जनता , नेताके चाहि अधिकार किया ? आम नागरिक भेल छै तवाह एत: उ मौज करै…
Read moreजगैत मिथिला, सुतैत मिथिला उठैत मिथिला, बैठैत मिथिला साँझकऽ मिथिला, रातिकऽ मिथिला ! जखने तखने एहिना सजल रहे हम मैथिलके ठोरह पर मिथिला !! जान मिथिला, प्राण …
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